जम्मू-कश्मीर को चुनाव से ज्यादा शांति, सुरक्षा और प्रगति की जरूरत है’ ये बात शीतकालीन सत्र के दौरान लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग नामग्याल ने मंगलवार को कही. नामग्याल ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के तहत यथास्थिति जारी रखने का मजबूत पक्ष रखा. दरअसल सदन में विपक्षी दल केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए समय सीमा तय करने की मांग कर रहे थे, जिसके जवाब में नामग्याल विपक्षी दलों को जवाब दिया.

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर दो विधेयकों पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद सौगत रॉय के साथ तमाम विपक्षी दलों ने ये मांग की. इस दौरान सदन में जमकर बहस हुई. विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए नामग्याल ने कहा कि सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक से वो पूछते हैं कि उनके कार्यकाल में ऐसा कौन सा चुनाव हुआ है जिसमें बंदूक, बमों का इस्तेमाल ना हुआ हो, कौन सा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हुआ है.

‘चुनाव से ज्यादा शांति और सुरक्षा की जरूरत’

सांसद नामग्याल ने कहा कि जान है तो जहान है. ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश को इस समय चुनाव से ज्यादा शांति और सुरक्षा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की जान जोखिम में डालकर चुनाव नहीं करा सकती. राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा की कीमत पर जम्मू कश्मीर में कोई चुनाव नहीं हो सकता. इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले लोग कश्मीर जाने से डरते थे, उन्हें अपनी जान का खतरा रहता था. खासतौर पर दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में जो उग्रवाद और आतंक का केंद्र हुआ करता था. लेकिन अब वहां शांति है. अब बंदूकों की जगह फिल्म की शूटिंग ने ले ली है. लोग अब बेखौफ होकर घूमते हैं.

लोकसभा में हुई जम्मू-कश्मीर को लेकर बहस

आपको बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर को लेकर तीखी बहस हुई. विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर में चुनाव में देरी करने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि केंद्र पूर्ववर्ती राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार का दावा कर रहा है, लेकिन वो वहां चुनाव कराने से पीछे हट रहा है. मंगलवार को निचले सदन में दो विधेयक – जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 – चर्चा के लिए रखे गए थे.