बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने सांसद दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया. बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. दानिश अली जिस तरीके से संसद में कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए, सामने आ रहा है यही बात कार्रवाई की सबसे बड़ी वजह बनी है.

बीएसपी ने कई बार दानिश अली को हिदायत दी थी और कहा था कि पार्टी उनके मुद्दे पर उनके साथ है, बावजूद दानिश अली लगातार कांग्रेस के साथ खड़े दिखाई दे रहे थे और कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी थी. उन्हें निकाले जाने की सबसे बड़ी वजह यही बताई जा रही है.

राहुल गांधी ने की थी दानिश अली से मुलाकात

बता दें कि, बसपा सांसद दानिश अली पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान से सियासत गरमा गई थी. बिधूड़ी के बयान की चौतरफा आलोचना के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सितंबर में दानिश अली से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी थे.

दानिश ने भी राहुल से मुलाकात के बाद भावुक होते हुए कहा कि उन्हें राहुल से मिलकर लगा कि वह अकेले नहीं है. राहुल मेरा हौसला बढ़ाने यहां आए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि इन बातों को अपने दिल से मत लगाना और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना. मुझे उनकी बातों से राहत मिली और अच्छा लगा कि मैं अकेला नहीं हूं.

ये था मामला

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजक शब्दों का प्रयोग किया था. विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आखिर उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई क्यों नहीं करे? उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति को 15 दिन में नोटिस का जवाब देना था.

वहीं, यह भी सामने आया था कि दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्टी लिखकर रमेश बिधूडी की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. कांग्रेस ने मांग की थी कि बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सूत्रों के मुताबिक,रमेश बिधूड़ी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की थी. रमेश बिधूड़ी के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए रमेश बिधूडी को चेतावनी भी दी थी कि भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें. बिधूड़ी के इस बयान की तमाम विपक्षी दलों ने आलोचना की थी.