संसद की सुरक्षा में हुई चूक का मामला उफान पर है. संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसद इसको लेकर जोरदार हंगामा कर रहे हैं. गुरुवार को लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही वे नारेबाजी करने लगे. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होती है.
बिरला ने कहा कि आज हम फिर संसद की सुरक्षा पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार कभी ऊी ससंद सचिवालय के काम में हस्तक्षेप नहीं करती है. संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि हमारा अधिकार क्षेत्र है. इसके बावजूद भी हंगामा जारी रहा. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने दोपहर 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
संसद में घुसपैठ की घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को इस मामले की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें सावधान रहने की जरूरत है. यह देखना होगा कि नफरत और अराजकता फैलाने वालों को पास नहीं मिले. उन्होंने कहा कि पुराने भवन में भी कागज फेंकने और कूदने की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि सदन में नारेबाजी और हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं है.
आठ लोगों को किया गया सस्पेंड
बता दें कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है. लोकसभा सचिवालय ने आठ कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. ये संसद भवन के सुरक्षा स्टाफ से जुड़े हुए लोग हैं. इस घटना ने 22 साल पुराने जख्मों को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है. बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन में हमला हुआ था.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि इस घटना ने 22 साल पुराने जख्मों को फिर से जिंदा कर दिया. दरअसल, 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था. इसी दिन बुधवार को एक बार फिर से संसद की सुरक्षा में भारी चूक देखी गई. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए. उन्होंने नारेबाजी की और स्मोक बम से पूरे सदन में धुआं फैला दिया. इस मामले में अभी तक कुल चार आरोपियों को पकड़ा गया है. सभी के खिलाफ आईपीसी और UAPA की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.