संसद में सुरक्षा चूक और हंगामे को लेकर पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में जितने भी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, उन सबकी मुलाकात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी. संसद कांड के मास्टरमाइंड ललित झा के करीबी महेश कुमावत का जब इंस्टाग्राम एकाउंट डिकोड किया गया तो ये सारे राज खुलकर सामने आये हैं. जानकारी के मुताबिक इंस्टाग्राम पर भगत सिंह फैन पेज बनाया गया, इस पेज को देशभक्त88 नामक हैंडल से बनाया गया था.

इतना ही नहीं, भगत सिंह फैन पेज से देश के युवाओं को जुड़ने की अपील की गई थी. पेज पर लिखा गया था कि हम कांग्रेस और बीजेपी से नहीं, बल्कि क्रांति के लिए जुड़ें. भगत सिंह फैन पेज के चैट बॉक्स में किस तरह से सभी आरोपी जुड़ते गये, इसे भी डिकोड किया गया है.

अपना-अपना परिचय देकर इस तरह जुड़े आरोपी

इंस्टाग्राम पर आरोपियों के चैट से इनकी सारी गतिविधियों की जानकारी निकल कर सामने आई है. इस पेज से सबसे पहले ललित जुड़ा और उसने अपना परिचय दिया- मैं पश्चिम बंगाल से हूं. इसके बाद महेश जुड़ा और उसने अपना परिचय दिया- मैं राजस्थान से हूं. तब पेज मॉडरेटर देशभक्त-88 लिखता है- वाट्सएप पर आओ.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से पूछताछ में आरोपी ललित ने खुद को सारे कांड का मास्टरमाइंड बताया है. ललित ने पुलिस के सामने कुबूल किया है कि उसका मकसद मीडिया के जरिए देश को संदेश देना था कि उसने संसद के अंदर सेंध मारकर घुसपैठ की.

गुगल सर्च में सीखा सुरक्षित चैट कैसे करें?

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने बहुत सारी तरकीबें गूगल सर्च से सीखी थीं. उसने संसद की सुरक्षा के पुराने वीडियो देखे थे. उन्होंने ये भी सर्च किया था कि सुरक्षित चैट्स कैसे की जाती है. यही वजह है कि सभी सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जाएं.

जानकारी ये भी सामने आई है कि क्रांति के नाम पर युवाओं को भड़काने और ब्रेनवॉश की साजिश रची गई थी. क्रांतिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी एजेंडा तैयार किया गया था. महेश कुमावत ने ही फरारी के दौरान ललित झा की छिपने की मदद की थी. सोशल मीडिया की पोस्ट से खुलासा हुआ है कि महेश कुमावत सिर्फ आरोपियों को सिर्फ लॉजिस्टिक ही प्रोवाइड नहीं करा रहा था बल्कि इस गुट और साजिश का अहम किरदार था.