दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल विपश्यना के लिए रवाना हो गए हैं. उन्हें ईडी ने कथित शराब नीति घोटाला मामले में 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए समन भेजा था. दिल्ली के सीएम पहले से तय विपश्यना कार्यक्रम में 30 दिसंबर तक मौजूद रहेंगे और वह ईडी के सामने पेश नहीं हो सकेंगे. यह लगातार दूसरी बार है जब ईडी के समन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूछताछ में शामिल नहीं होंगे.

बता दें कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले में इस साल 16 अप्रैल को ईडी ने अरविंद केजरीवाल से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी. केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए 2 नवंबर को समन जारी किया था, लेकिन वह 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में व्यस्त होने का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. इसके बाद 18 दिसंबर को ईडी ने उन्हें दोबारा समन जारी करके 21 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था.

‘पहले से तय था अरविंद केजरीवाल का विपश्यना कार्यक्रम’

आम आदमी पार्टी के मुताबिक सीएम केजरीवाल का विपश्यना शिविर में जाने का कार्यक्रम पहले से तय था, इस कारण वह प्रवर्तन निदेशालय के समन पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. दरअसल, विपश्यना एक प्राचीन भारतीय ध्यान पद्धति है जिसका अभ्यास करने वाले लोग कुछ समय के लिए देश-दुनिया से कट जाते हैं और एकांतवास में रहते हैं. इसे आप एक तरह का योगाभ्यास भी कह सकते हैं, जिसमें आप किसी से संवाद या संकेतों के माध्यम से भी बात नहीं कर सकते.

विपश्यना का अर्थ है ‘चीजों को वैसे ही देखना जैसे वास्तव में वे होती हैं’. इसे आत्‍म निरीक्षण और आत्‍म शुद्धि की बेहतरीन पद्धति माना गया है. विपश्यना केंद्र में रहकर लोग मानसिक साधना करते हैं. ध्यान साधना की यह पद्धति इंसान की मानसिक जीवटता और एकाग्रता की परीक्षा लेती है. उसकी दृढ इच्छाशक्ति की परख भी करती है. विपश्यना में सोने, जागने, ध्यान करने और भोजन का अनुपात भी निर्धारित होता है, और यह किसी चुनौती से कम नहीं होता.