MP Ministers Criminal Case: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है जिसमें उनके सहित 31 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है. 31 में से 12 मंत्रियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं जबकि तीन मंत्रियों के खिलाफ ऐसे गंभीर अपराध दर्ज है, जिनमें आरोप सिद्ध हो जाने पर 5 साल या उससे अधिक सजा का प्रावधान है.
मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल के 39% मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक पर्यटन दर्ज है. यदि संख्या की बात की जाए तो 12 मंत्री ऐसे हैं जिन पर अपराध घोषित है. इसके अतिरिक्त 10% यानी तीन मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक प्रकरण है. गंभीर आपराधिक प्रकरण के मापदंड की बात की जाए तो 5 साल या उससे अधिक सजा, गैर जमानती, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाना, हमला जैसे मामले शामिल रहते हैं.
सबसे अमीर मंत्री पर सबसे ज्यादा देनदारी
मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में शामिल 31 मंत्रियों में से 30 करोड़पति हैं जबकि सबसे अमीर विधायक मंत्री चैतन्य कश्यप पर सबसे ज्यादा 20 करोड़ 17 लाख की देनदारी है. मंत्रिमंडल मे मिल सारंगपुर के विधायक गौतम टेटवाल सबसे कम संपत्ति 89 लाख 64000 के मालिक हैं. मंत्रिमंडल में शामिल अधिकांश मंत्रियों की देनदारी है.
इन मंत्रियों पर गंभीर अपराध दर्ज, मध्य प्रदेश सरकार में शपथ लेने वाले अनूपपुर के दिलीप जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में गड़बड़ी करने, षड्यंत्र रचने आदि धाराओं में अपराध पंजीबद्ध है. यह मामला जबलपुर की विशेष अदालत में विचाराधीन है. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज है, जिनमें भड़काऊ भाषण देना, मानहानि करना आदि प्रमुख रूप से शामिल है. उनके अलावा शाजापुर जिले से विधायक चुनकर आए इंदर सिंह परमार पर हत्या का प्रयास, मारपीट के मामले दर्ज है. इसी तरह दिलीप अहिरवार, प्रद्युम्न सिंह तोमर, नागर सिंह चौहान, नारायण सिंह पवार, राव उदय प्रताप सिंह, तुलसीराम सिलावट पर भी आईपीसी की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध हुए हैं.