Delhi News: देश में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में भी इसका पहला मामला सामने आया है. इसे लेकर लोगों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है. हालांकि, डॉक्टरों के मुताबिक इस नए वेरिएंट को लेकर घबराने या पैनिक होने की जरूरत नहीं है. यह वेरिएंट माइल्ड है, लेकिन इससे बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना के संक्रमण को सावधानी और सतर्कता से ही मात दिया जा सकता है.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के शिकार हुए तीन मरीजों के सैम्पल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल भेजे गए थे. इन सैम्पल में से एक के जेएन.1 वेरिएंट के होने की पुष्टि हुई, जबकि बाकी दो मरीज कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाए गए. देश में अभी तक जेएन.1 वेरिएंट के कुल 109 मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें गुजरात में सबसे अधिक 35 केस मिले हैं. दुनिया भर में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, जिसके पीछे कोरोना के नए सब वेरिएंट जेएन.1 को वजह माना जा रहा है.
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 12 बेड रिजर्व
एम्स के पल्मोनरी मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ मित्तल ने बताया कि ओमिक्रॉन का नया सब वेरिएंट ओमिक्रॉन वायरस से भी तेजी से फैलता है. इसे देखते हुए एम्स प्रशासन ने स्क्रीनिंग ओपीडी शुरू करने का निर्णय लिया है. एम्स में हुई बैठक में यह फैसला किया गया कि इमरजेंसी में कोविड की स्क्रीनिंग होगी, जहां पर सीवियर एक्यूट रेसप्रेट्री इंफेक्शन के मरीज, जिन्हें सर्दी, खासी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत हो तो ऐसे मरोजो की कोविड की जांच भी होगी. उन्हें अन्य मरीजों से अलग रखकर जांच की जाएगी. एम्स प्रशासन ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयारी के तहत बेड को आरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं, ताकि कोई पॉजिटिव मरीज इलाज के लिए एम्स आता है तो उसे एडमिट कर उसका इलाज किया जा सके. इसके लिए सी-6 वॉर्ड में 12 बेड रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है.