समूची दुनिया अवैध प्रवासियों की संख्या से जूझ रही है. ब्रिटेन में तो यह खासकर चुनावी मुद्दा भी है और मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का भी प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करने पर बड़ा जोर है. ब्रिटेन सरकार के प्रयासों का असर भी एक हद तक साफ नजर आ रहा है.

वहां की सरकार ही के एक डेटा के मुताबिक पिछले साल यानी 2023 में अवैध तरीके से नांव में सवार हो कर ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या में करीब 36 प्रतिशत तक की कमी आई है. यह कमी पिछले साल के मुकाबले है. 2023 में केवल 29 हजार 437 लोग इस अवैध रास्ते से ब्रिटेन में दाखिल हुए जबकि इसके पिछले साल यानी 2022 में ऐसे लोगों की संख्या 46 हजार के करीब थी.

ऋषि सुनक सरकार की प्राथमिकता

जानकार कहते हैं कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अवैध नावों को रोकने के वादे को अपनी सरकार की प्राथमिकताओं में रख रहे हैं. साथ ही ऋषि इस कोशिश में भी हैं कि उन अवैध प्रवासियों को वापस से ब्रिटेन भेजा जाए जो रवांडा से ब्रिटेन आए हैं. अब तक वहां की सरकार ऐसा इसलिए नहीं कर पाई है चूंकि इस पर अदालतों ने रोक लगाया हुआ है.

ब्रिटेन की लेकिन असल दिक्कत ये

ब्रिटेन फिलहाल शरण वाले आवेदनों पर लगभग 3 बिलियन पाउंड सालाना खर्च कर रह है. साथ ही होटल और दूसरे रहने की जगहों पर प्रवासियों की लंबी कतारें हैं जो अपने हक में फैसले का इंतजार कर रही हैं. इस पूरी प्रक्रिया पर ब्रिटेन की सरकार लगभग 8 मिलियन पाउंड हर दिन खर्च कर रही है.

पिछले साल का एक आंकड़ा है जिसमें बताया गया था कि लगभग 1 लाख 34 हजार लोग जून महीने में शरण का आवेदन दिए हुए थे और उनको फैसले का इंतजार था. दिलचस्प बात ये थी कि यह संख्या पिछले दो दशक में सबसे अधिक थी. ब्रिटेन में ऐसे पर यह भी दबाव है कि वह नए तरीके से आने वाले प्रवासियों को तो रोके ही लेकिन पहले से बैकलोग में चल रहे आवेदनों का निपटारा भी करे.