लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार है कांग्रेस

साल 2024 लग चूका है और इसी साल होने है लोकसभा चुनाव जिसको लेकर सारी पार्टियां अब मैदान में उतर आयी है, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक तरफ जहाँ INDIA गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और दूसरी तरफ लोकसभा सीटों पर संयोजकों की नियुक्ति भी करने में जुट गई है. बता दे देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 539 सीटों पर संयोजक के नामों का ऐलान कर दिया जबकि बाकी चार सीटों पर जल्द ही घोषणा करने की बात कही है. कांग्रेस ने संयोजकों की नियुक्ति ऐसे समय में की है जब INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत चल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस ने तकरीबन सभी सीटों पर पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान करके क्या क्षत्रपों पर प्रेशर पॉलिटिक्स का दांव चला है या फिर इसके पीछे कोई और रणनीति है, क्योंकि कांग्रेस ने उन सीटों पर भी संयोजक नियुक्त किए हैं, जहां पर सहयोगी दलों को चुनाव लड़ना है.

कांग्रेस ने मिशन-2024 को लेकर अपनी एक्सरसाइज शुरू कर दी है. कांग्रेस ने सीट शेयरिंग से लेकर घोषणा पत्र तक पर काम शुरू कर दिया है. साथ ही जमीनी स्तर पर सियासी नब्ज की थाह लेने के लिए कांग्रेस ने लोकसभा सीट स्तर पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी शुरू कर दी है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिति का आकलन करके फीडबैक देने का काम करेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस भले ही गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरी हो, लेकिन उन सीटों पर भी जमीनी स्तर पर अपनी उपस्थिति को बनाए रखना चाहती है, जहां पर INDIA गठबंधन के सहयोगी दल किस्मत आजमा रहे हैं.

कांग्रेस ने क्यों चला पर्यवेक्षक का दांव?

कांग्रेस संयोजक नियुक्त करने की यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों ने लोकसभा चुनाव के लिये तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश के 539 संसदीय क्षेत्रों के लिये संयोजकों की सूची जारी की है और बाकी चार क्षेत्र के लिये जल्द ही आने वाली है. जयराम रमेश ने कहा कि मान लीजिए कि हमारे गठबंधन के साथी इस बात से सहमति न बना पाएं कि आप ये सीट लें. इसलिए हम प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में पर्यवेक्षकों को तैनात कर रहे हैं ताकि सभी सीटों पर चुनावी तैयारी रहे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि पार्टी यह तय करेगी कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी पर्यवेक्षकों के नाम को अंतिम रूप दे दिया है.

चलिए जाने क्या है 2024 की रणनीति

कांग्रेस ने ऐसे ही सभी लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं कर रही है बल्कि उसके पीछे सोची-समझी रणनीति है. कांग्रेस गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत कर रही है, लेकिन उससे पहले पार्टी ने 2024 में कितनी सीटों पर चुनाव लड़नी है, उसकी रूपरेखा भी बना ली है. सीट बंटवारे के लिए बनी कांग्रेस समिति ने अलग-अलग राज्य के पार्टी नेताओं के साथ बैठक करके सीटों का होमवर्क पूरा कर लिया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस 275 से 300 सीटों के बीच चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन INDIA गठबंधन के सहयोगियों की चाहत है कि 225 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़े. मुकुल वासनिक के नेतृत्व वाली सीट बंटवारे की कांग्रेस समिति ने INDIA ब्लॉक के नेताओं के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया है ताकि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया जा सके.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस ने 539 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त करके यह साफ संदेश देना चाहती है कि वो सभी सीटों पर तैयारी कर रही है. INDIA गठबंधन के किसी भी सहयोगी दल के ऊपर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहती है, कांग्रेस जहां मजबूत है, वहां पर भी और जहां पर कमजोर है, उन सीटों पर भी उसकी नजर है. इसके अलावा कांग्रेस की यह भी रणनीति है कि अगर सीट शेयरिंग में ऐसी सीटें भी उसके खाते में आती है तो जहां पर उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. ऐसे में उन सीटों पर उसे चुनाव लड़ने की तैयारी का पूरा मौका मिल जाएगा.