ममता बनर्जी ने दिया बड़ा बयान

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम से पहले बयानबाजी तेज हो गई है. विपक्षी दलों की ओर लगातार बयान दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर बड़ा हथकंडा है. मैं अल्लाह की कसम खाती हूं, जब तक मैं हूं, हिंदू-मुसलमान के नाम पर बंटवारा नहीं होने दूंगी.

ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं माफियाओं की नेता हूं. जनता मेरी नेता है मैं उनकी कार्यकर्ता हूं. हम बीजेपी के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. बता दें कि ममता टीएमसी नेता शाहजहां शेख को लेकर बीजेपी के निशाने पर हैं. शाहजहां शेख वही नेता हैं जिनके यहां ईडी रेड मारने गई थी और उसपर हमला हो गया था, जिसमें 3 अधिकारी घायल हो गए थे. शाहजहां शेख के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है.

बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी ने जितने भी उग्रवादी हैं सबको शरण दी हुई हैं. शाहजहां शेख को CPM ने इस्तेमाल किया, लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें TMC का ब्लॉक प्रमुख बना दिया. बंगाल में कानून की स्थिति खराब है. हालांकि बीजेपी के आरोपों का ममता ने सोमवार को भी जवाब दिया था.

उन्होंने पलटवार करते हुए कहा था कि कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मुझे अपने खिलाफ आलोचनाओं की कोई परवाह नहीं है, लेकिन अगर कोई राज्य को बदनाम करने की कोशिश करेगा तो मैं विरोध करूंगी. कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोग राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

ममता 22 को जाएंगी या नहीं?

22 तारीख को होने वाले कार्यक्रम की बात करें तो ममता बनर्जी को भी इसका निमंत्रण मिला है. लेकिन न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पिछले दिनों सूत्रों के हवाले से बताया था कि ममता बनर्जी समारोह में शामिल नहीं होंगी. पीटीआई से टीएमसी के एक नेता ने कहा था, ममता बनर्जी या टीएमसी के किसी अन्य प्रतिनिधि के अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है. हम राजनीति को धर्म के साथ मिलाने में विश्वास नहीं करते हैं.