तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को पटना की एक अदालत ने सोमवार (15 जनवरी) को नया समन जारी किया. उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी. उनके बयान के खिलाफ यहां शिकायत दर्ज कराई गई थी. पटना की एमपी-एमएलए अदालत ने उदयनिधि स्टालिन को 13 फरवरी को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा है.

उदयनिधि के बयान के खिलाफ वकील डॉ. कौशलेंद्र नारायण ने सीजेएम कोर्ट पटना में केस दायर किया और बाद में केस को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. 6 दिसंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को आईपीसी की कई धाराओं के तहत समन जारी किया था. सोमवार को भी कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई.

तमिलनाडु में सभा के दौरान दिया था बयान

बता दें कि उदयनिधि स्टालिन पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है. तमिलनाडु के एक शहर में सभा के दौरान उन्होंने भाषण देते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया, कोरोना वायरस जैसी बीमारियों से कर दी थी. यह भी कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि नष्ट कर देना चाहिए. उनके इस तरह के बयान के बाद सियासी बवाल मच गया था.

सुशील कुमार मोदी ने की थी गिरफ्तारी की मांग

तमिलनाडु के मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ की गई टिप्पणी को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने ‘देशद्रोह’ करार देते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. कहा था, “सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करने के लिए उदयनिधि स्टालिन को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जेल भेजा जाना चाहिए.”