नरेंद्र मोदी की गारंटी और फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में खूब आश्वस्त दिखे. उन्होंने सिर्फ कांग्रेस पर निशाना ही नहीं साधा बल्कि चुनौती दी कि इस बार भाजपा 370 सीटें लाएगी और उनका गठबंधन (NDA) 400 पार कर लेगा. उन्होंने कांग्रेस को पस्त, हताश और निराश बताया. उन्होंने कहा, कि तीसरी बार की भाजपा सरकार अब ऐसे फैसले करेगी जो देश को हजार सालों के पार खड़ा कर देंगे. उनके फैसलों को लेकर सभी दलों के नेता सोच में पड़ गए हैं, कि आखिर ये बड़े फैसले कौन-से होंगे. मोदी-2 की सरकार ने आते ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 की विदाई कर दी. राम मंदिर का रास्ता साफ किया और CAA, NRC जैसे कानून लेकर आई. मोदी-2 कार्यकाल की विदाई के चार महीने पहले अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई.

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक सबको आड़े हाथों लिया. प्रधानमंत्री ने कहा, नेहरू जी और इंदिरा जी भारतीयों को कामचोर बताते रहे. जबकि इसी जनता से मैंने पिछले दस वर्षों में बहुत कुछ बदला है. क्योंकि मैं देश की जनता को कामचोर नहीं बल्कि साक्षात जनता जनार्दन मानता हूं.

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पीएम के फैसले, सोच में विपक्ष

पीएम का भाषण बेहद आक्रामक और धारदार था. इसलिए भी कांग्रेस अब इस बात से परेशान है, कि प्रधानमंत्री कौन-कौन से बड़े फैसले करेंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर तो लगभग बन ही गया. सबको लग रहा है कि क्या मोदी-3 में काशी और मथुरा का रास्ता साफ होगा. लेकिन वह भी कोई ऐसा फैसला नहीं है, जो चौंकाने वाला हो.

पीएम ने आने वाले हजार वर्षों की बात की है. इसके कई संकेत हैं. पिछले हजार वर्षों में देश पर विदेशियों के अनवरत हमले हुए और लगभग हर युद्ध में भारत की हार हुई. नतीजन देश के किसी न किसी हिस्से में इस्लामिक शासन रहा है. इसलिए इन हजार वर्षों में बहुत सारी चीजें नष्ट हुई हैं. शासन प्रणाली से लेकर शासन के प्रतीक और देश की संस्कृति तक. इन वर्षों में भारत की पराजय के पीछे एक वजह तो यह भी रही कि आधुनिक हथियारों के मामले में भारत बहुत पिछड़ा रहा. वीर शासकों के बावजूद अलग-अलग राजाओं के बीच कलह रही. हिंदुओं के अपने संप्रदाय भी एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए विदेशी हमलावरों में मुखबिरी करते रहे. पहला बड़ा हमला महमूद गजनवी का था.