आखिर क्यों सरकार छिपाना चाहती है हरदा हादसे में जान गवाने वाले लोगो की गिनती या फिर सिर्फ 14 लोगो की ही हुई है मौत? हरदा में हुए अवैध पटाखा फैक्ट्री में बड़े ब्लास्ट के बारे में जान लेते हैं, हादसे में 40 KM तक भूकंप के झटके जैसा महसूस हुआ और दूर दूर के लोग इसकी चपेट में आगये और अपनी जान गवा दी अब ये हादसा हुआ हड़कंप मचा लोगो में भागादौड़ी हुई सरकार भी सख्त हुई और एम्बुलेंस और दमकल की 200 से ज्यादा वाहन भेजे गए रात भर मगधरा रोड पर धुंआ का गुवार दिखा सुबह तक कही पानी से धुएं को दवाया गया पर अब इस सब के बीच खबर मिलती है की 11 लोगो की हुई मौत और 150 लोग घायल?

तो अब सवाल ये है की इतना बड़ा हादसा जिसमे 40 km तक लोगो के पैर की जमीन हिल गयी, उस अवैध फक्ट्री में 400 से ज्यादा मजदूर होने के बाद अब इसमें सिर्फ 11 की मौत का आंकड़ा किसी के भी समझ नहीं आया क्युंगी कई लोगो का परिवार अभी तक लापता है कई लोगो के शव नहीं मिले और फिर किस हिसाब से ये आंकड़ा 11 हो सकता है गौरतलब है रिपोर्ट के हिसाब से 150 लोग घायल है और 11 लोगो की मौत हुई है पर अब इस हादसे में घायल लोगो के द्वारा ये बोलै जा रहा है की आंकड़े गलत है फैक्ट्री में 400 से जयादा लोग थे और हमारा तो परिवार ही लापता है फिर कैसे सरकार इतना बड़ा सच छिपा सकती है,

इस हादसे से जुड़े कुछ गंभीर सवाल भी सामने आते है जिनका जवाव आज हर किसी को जानना है जिसमे रिहायशी इलाके में फैक्ट्री से उठे सवाल उठ रहे है, हरदा की जिस फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है. वह फैक्ट्री रिहायशी इलाके में है. ऐसी फैक्ट्री जिसमें सैकड़ों टन बारूद भरा हुआ है, उसे रिहायशी इलाके के बीच में चलने की अनुमति कैसे दी गई? प्रशासन ने इस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की? कहा जा रहा है कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता तो ये हादसा नहीं होता.

आग से बचाव का पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं?

एक अहम सवाल ये भी है कि किसी भी तरह की स्थिति में इतनी भीषण आग लगने पर प्रशासन ने बचाव का पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किया. आग लगने की वजह से घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई थी. इस भगदड़ की वजह से स्थिति और खराब हो सकती थी.

फैक्ट्री अवैध लेकिन प्रशासन को खबर नहीं

हरदा की जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ है. कहा जा रहा है कि वह फैक्ट्री पूरी तरह से अवैध थी. सरकार की नाक के नीचे जिले में एक अवैध फैक्ट्री इतने सालों से चल रही थी लेकिन प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं थी. फैक्ट्री के वैध या अवैध होने के सवाल पर डीएम से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम चेक करके बताएंगे कि फैक्ट्री के पास लाइसेंस था या नहीं.

शहर के बीच सैकड़ों क्विंटल बारूद

हरदा की पटाखा फैक्ट्री में सैकड़ों क्विंटल बारूद रखा हुआ था. तो एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या इतना बारूद रखना नियमों के मुताबिक था? फैक्ट्री में विस्फोट बारूद की वजह से ही हुआ था.

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