बसंत पंचमी पर मृगेन्द्रनाथ में लगा मेला, 6 km की कठिन चढ़ाई चढ़कर पहुँचते है श्रद्धालु
रायसेन जिले की उदयपुरा तहसील में तहसील मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में विंध्याचल की पर्वत की दूधिया की पहाड़ी में स्थित हैं, जहां आज सुवह से भक्तों के आने जाने का सिलसिला जारी है, भगत 6 किलोमीटर ऊंची खड़ी पहाड़ी चढ़कर पहुचते है जो अत्यंत कठिन चढ़ाई है, शिवपुराण में उल्लेखित स्थान है, महिला पुरुष बच्चे सभी शिव अभिषेक करने जाते है बही विशाल मेला भरता है, बसंत पंचमी को लगता है विशाल मेला, हजारो श्रद्धालु पहुँचते है, देश में 12 ज्योतिर्लिंगों में एक मात्र तीसरे ज्योतिर्लिंग उज्जैन महाकाल का यह उप ज्योतिर्लिंग हैं जो रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील की विंध्याचल पर्वत श्रेणी में है जो समुद्र तल से 1500 मीटर उचाई पर है और 6 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई चढ़ने पर पहुँचा जा सकता हैं. यह ज्योतिर्लिंग शिवपुराण में उल्लेखित है जिसे दूधेश्वर के नाम से जाना जाता है जो विंध्याचल की दूधिया पहाड़ी पर स्थित हैं आज मृगेंद्रनाथ के नाम से जाना जाता हैं. प्रति वर्ष हजारो श्रद्धालु वसंत पंचमी को पहुँचते है.
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मृगेन्द्रनाथ (दूधेश्वर धाम) में 6 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई चढ़ते हुए भक्तो ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए बही तीन पहाड़ी चढ़कर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के उप ज्योतिर्लिंग का जल अभिषेक करने के लिए सुबह से रात्रि तक हजारो भक्तो ने दर्शन किये, बही प्राचीन कुएं का जल का जलपान किया, जिस के जल को अमृत के समान माना जाता है, प्रति वर्ष बसंत पंचमी पर भोलेनाथ पर जल अभिषेक उज्जैन महाकाल के 11 दर्शनों का लाभ प्राप्त करते है।