नर्मदांचल के प्रसिद्ध संत शिरोमणी श्रीरामजी बाबा की समाधि पर हर बार श्रद्धापूर्वक चादर यात्रा निकाली जाती है, जो गाजे बाजे के साथ मुख्य मार्ग से होते हुए ग्वालटोली में मुस्लिम पीर गोरीशाह दाता की मजार पर अर्पित की जाती है लेकिन इस बार नगर परिषद् ने इस परंपरा को तोड़ने का निर्णय लिया है. यानि इस बार राम जी बाबा से निकलने वाली चादर नहीं चढाई जाएगी.
इस चादर यात्रा में हिंदू-मुस्लिम सभी लोग शामिल होते हैं वही शाम के समय मेला स्थल गुप्ता ग्राउंड पर मेला रंगमंच से मेला का समारोह किया जाता है, आपको बता दे की हमेशा सदभाव की मिसाल रहा है ये मेला जी हाँ मेला की मुख्य विशेषता यह है कि हिंदू संत और मुस्लिम पीर की याद में यह मेला आयोजित होता है, इस कारण यह मेला आपसी सदभाव की मिसाल माना जाता है, इसमें हिंदू-मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग हिलमिल कर सहयोग करते हैं, दोनों ही सम्प्रदाय के आयोजन होते हैं।
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पूर्व में नगरपालिका परिषद की देखरेख में मेला का आयोजन होता रहा है। नपाध्यक्ष और पार्षदों के द्वारा मेला की रूपरेखा तैयार की जाती रही है। लेकिन परिषद भंग रहने से तथा चुनाव नहीं करने का कारण नगर पालिका के प्रशासक के रूप में कलेक्टर और सीएमओ के साथ ही अन्य अधिकारी और नपा के कर्मचारियों की देखदेख में ही मेला आयोजित हो रहा था. अब देखना ये होगा की इस बार चादर चढ़ाई जाती है या नहीं।