इस्तीफा देने वाले इंजीनियर ने फिर दोहराई अपनी व्यथा

तुम खुद ही नौकरी छोड़कर घर चले जाओ, अन्यथा हम किसी भी तरह से तुम्हें नौकरी से घर भगा देंगे

स्वयं मेरा व पत्नी का स्वास्थ्य विगत कई वर्षों से ठीक नहीं रहता है, जिसकी वजह से मैं मानसिक रूप से तनाव ग्रसित,परेशानियों से घिरा रहता हूँ फिर भी में अपनी ड्यूटी के प्रति संपूर्ण दक्षता से कंपनी के नियमानुसार समस्त कार्य लगनता व ईमानदारी से कर रहा हूँ, फिर भी करीब तीन वर्षों से मुझे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार ही मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है एवं वर्तमान में करीब एक वर्ष से बहुत ही ज्यादा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है तथा मुझसे सक्षम अधिकारी द्वारा बारम्बार यहां तक बोला जाता है कि या तो तुम खुद ही नौकरी छोड़कर अथवा वी.आर.एस. लेकर घर चले जाओ, अन्यथा हम किसी भी तरह से तुम्हें नौकरी से घर भगा देंगे।

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यह उस पत्र का मजमून है जो अपनी नौकरी से इस्तीफा देने वाले मुकेश कुमार गुप्ता सहायक यंत्री (सतर्कता) ने प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि., गोविंदपुरा भोपाल के नाम लिखा है, इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री और मानव अधिकार आयोग को भी उक्त आशय का पत्र भेजकर अपने इस्तीफा की मांग की है, इंजीनियर श्री गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से कईयों बार मिलकर विगत दो-तीन वर्षों से पूरी वस्तु स्थिति बताने के बाद बारम्बार निवेदन कर चुका हूं, तत्पश्चात् प्रत्येक वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर बार ही अंत में यह कहा जाता है कि हम तुम्हारी इस संबंध में किसी भी प्रकार की मदद नही कर सकते है, परन्तु यह जरूर बोला जाता है कि तुम अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर के उक्तानुसार अपनी समस्या से अवगत करा दें, तब वह ही तुम्हारी समस्या का निवारण कर सकते है।

इस्तीफा की पेशकश करने वाले इंजीनियर श्री गुप्ता ने एक बार फिर अपने अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि उन्होंने प्रताड़ना को इस हद तक सहन किया है कि उनकी नौकरी के मात्र 18 महीने बचे हुए हैं लेकिन फिर भी उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है, हैरत की बात यह है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा और उन्हें वापस नौकरी पर वापस लौट आने का दावाव बनाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों को डर है कि कहीं ना कहीं अगर उनका इस्तीफा आगे बढ़ा दिया तो उनके लिए यह हालात उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी कहीं ना कहीं जांच के घेरे में आ जाएंगे।