Terror Attack In Doda: Jammu-Kashmir के डोडा में आतंकियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है. वहीं आज डोडा जिले के डेसा में आतंकवादियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए और इसमें एक पुलिस कर्मी की भी मौत हुई है, यानी कुल 5 लोगों की जान गई है, इस वक्त डोडा में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है.
पिछले कई महीनों से जम्मू में आतंकी हमलों की घटनाएं काफी बढ़ गई है जिसको देखते हुए वहां लगातार सर्च ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं, बता दें की आज का ये एनकाउंटर उस वक्त शुरू हुआ, जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर के स्पेशल ऑपरेशन ने डोडा से करीब 55 किमी दूर डेसा के जंगल में आतंकियों को देर शाम घेर लिया. आतंकियों ने भागने की कोशिश की और अपने बचाब में गोलीबारी शुरू कर दी.
लगातार हो रही गोलीबारी के बीच भी सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी रही. गोलीबारी में कैप्टन समेत 5 जवान जख्मी हो गए थे. मंगलवार को पांचों जवानों की इलाज के दौरान मौत हो गई. एक अन्य जवान की हालत गंभीर है, उसे उधमपुर सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शहीद हुए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के और सिपाही बृजेंद्र, सिपाही अजय राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले थे, नायक डी राजेश की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।
आतंकवादियों ने अंधेरे में की गोलीबारी
सोमवार शाम को खबर मिली कि धारी गोटे उरारबागी के जंगली इलाके में आतंकवादियों का मूवमेंट है. बस इसी खबर के चलते कैप्टन ब्रिजेश थापा के नेतृत्व में जवानों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगलों में आतंकियों का पीछा किया. जब सेना ने इलाके को चौतरफा घेर लिया तो आतंकियों को लगा कि वे अब मारे जाएंगे तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. इस एनकाउंटर में कैप्टन ब्रिजेश थापा और चार जवान घायल हो गए. और इसी मौके का फायदा उठाकर आतंकवादी अंधेरे में पहाड़ी इलाके की ओर भाग निकले. आनन-फानन में जवानों को अस्पताल लाया गया, जहां मंगलवार तड़के उनकी मौत हो गई. जैसे ही इस घटना का पता चला तुरंत सेना की अन्य टीमें भी मौके पर पहुंचीं और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया. हालांकि, आतंकियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है.
शहीद कैप्टन का जन्म आर्मी डे के दिन हुआ था
शहीद कैप्टन बृजेश थापा का जन्म 15 जनवरी को आर्मी डे के दिन हुआ था, उनकी मां नीलिमा ने बताया कि आखिरी बार रविवार को बेटे से बात हुई थी, उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है। अगर हम अपने बेटे को सीमा पर नहीं भेजेंगे, तो देश के लिए कौन लड़ेगा, हालांकि देश इन जवानों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा।