Reservation Demand: Bangladesh में हिंसा का होना मानो अब एक आम बात हो चुकी हो, लेकिन इस वक्त हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं, और इन सब के पीछे की वजह है ”आरक्षण”… सिर्फ आरक्षण के लिए लोग एक दूसरे को मारने के लिए भी तैयार हैं, बता दें की बांग्लादेश की सड़कों पर एक ओर पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग से जुड़े छात्र संगठन हैं तो दूसरी ओर आरक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी.

आरक्षण एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसे लेकर भारत में लगातार तरह-तरह के प्रदर्शन होते रहे हैं, लेकिन अब भारत से निकलकर ये मुद्दा पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में पहुंच चुका है, वहां पर लोग आरक्षण के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं, और अब ये प्रदर्शन हिंसक हो चुका है.

भारतीय लोगों के लिए एडवाइजरी

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वो सोमवार को ढाका और उसके बाहरी इलाकों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. तभी उन पर सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र कार्यकर्ताओं ने लाठी, पत्थर और चाकू से हमला कर दिया. जिसके बाद उनका प्रदर्शन हिंसक होता चला गया, भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की है और भारतीय लोगों खासकर छात्रों को सावधानी बरतने को कहा है. भारत सरकार ने बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों को अपने कमरे से बाहर नहीं जाने की सलाह दी है.

प्रदर्शन को देखते हुए बांग्लादेशी सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने के बाद लिया गया है, बता दें की बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कुल 56 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है. और इसमें से 30 फीसदी आरक्षण 1971 के युद्ध में बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और परिवार के लिए है. इसके बाद 10% प्रशासनिक जिलों, 10% महिलाओं और 5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था जातीय अल्पसंख्यकों के लिए की गई है.

आपातकालीन नंबर किया जारी

बांग्लादेश में गंभीरता को देखते हुए भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए 24 घंटे आपातकालीन नंबर भी जारी किए हैं, इन फोन नंबर पर संपर्क कर सहायता मांगी जा सकती है, इन सब से एक बात साफ है की वक़्त बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है।