Jaya Bachchan Angry: एक्ट्रेस और पॉलीटिशियन जया बच्चन अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. वहीं बीते कुछ समय से संसद में दिए अपने बयानों की वजह से हर जगह छाई हुई हैं. दरअसल, जया बच्चन अमिताभ बच्चन से उनके नाम को जोड़ने पर भड़क जाती हैं.

अब एक बार फिर से अमिताभ बच्चन का नाम सुनकर जया भड़क गई हैं. बता दें की जया बच्चन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच नोक-झोक हो गई. संसद सत्र के दौरान अपने नाम के साथ पति का नाम आने पर वो बार-बार भड़क जाती हैं, जबकि उन्होंने खुद राज्य सभा सदस्य के रूप में शपथ पत्र और चुनाव शपथ पत्र में भी अपना पूरा नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ ही लिखवाया है।

सदन में भड़की जया

9 अगस्त को भी जया गुस्सा हो उठीं, दरअसल में फिल्म अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन पिछले 10 दिनों में राज्यसभा में तीसरी बार भड़की हैं, सभापति धनखड़ के जया अमिताभ बच्चन कहने पर जया भड़क गईं।

जगदीप धनखड़ ने दिया जवाब

जब सभापति ने जया बच्चन को जया अमिताभ बच्चन कहकर बुलाया तो इस पर गुस्से से भड़कते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि आपकी जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है, वो एक एक्टर हैं और बॉडी लैंग्वेज को अच्छी तरह से समझती हैं, इसपर जगदीप धनखड़ ने भी उनकी क्लास लगा दी, सभापति ने भी कहा कि भले ही आप कोई भी हों, भले ही आप सेलिब्रिटी ही क्यों ना हों मैं इस तरह की चीजें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा।

बता दें की सदन में सभापति या उप सभापति सदस्यों को उनके उसी नाम से संबोधित करते हैं, जो नाम उन्होंने दर्ज कराया होगा. अगर किसी सदस्य को अपने नाम में परिवर्तन कराना है तो उसे इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करना होगा.

बार-बार भड़क जाती है जया

वहीं सभापति जया बच्चन के भड़कने और उनके कुतर्क से इतने आहत हुए कि सदन को छोड़कर चले गए. अब चूंकि जया बच्चन महाराष्ट्र से हैं इसलिए उन्होंने अपने नाम के साथ पति का नाम राज्य सभा सचिवालय में दर्ज कराया था. इसीलिए राज्य सभा के चेयरमैन के आसन पर बैठने वाला उनका वही नाम बोलेगा, जो वहां दर्ज है, लेकिन जया बच्चन अपने नाम से भड़कने लगी हैं.

बीते 29 जुलाई को जब राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन बोला तब उन्होंने सदन में हंगामा किया और 9 अगस्त को जब राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें उनके पूरे नाम जया अमिताभ बच्चन कहा तो वे इस तरह भड़क गईं कि बोलीं, आपकी टोन व्यंग्यात्मक है. इस तरह की भाषा आपको शोभा नहीं देती.