Kolkata Rape-Murder Case: पिछले कुछ दिनों से कोलकाता कांड लोगों के ज़हन में बैठा हुआ है, लोग इस केस में इंसाफ की मांग कर रहे हैं, बता दें कि अब इस केस ने नया मोड़ ले लिया है, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है.

नौ अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव अस्पताल में मिलने के बाद अगले दिन कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय को गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई इस मामले की जांच शुरू की है और आरोपी संजय रॉय से लगातार पूछताछ कर रही है.

पॉलीग्राफी टेस्ट जारी

फ़िलहाल रेप-मर्डर केस के 7 आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट शनिवार दोपहर से जारी है, मुख्य आरोपी संजय रॉय से जेल में ही सवाल-जवाब हो रहे हैं, जबकि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, और घटना से पहले ट्रेनी डॉक्टर के साथ डिनर करने वाले 4 डॉक्टर, 1 वॉलंटियर से CBI दफ्तर में पूछताछ की जा रही है।

बिलख-बिलख कर रोया संजय

शुक्रवार को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय सहित छह अन्य आरोपी को पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी. संजय रॉय ने भी पॉलीग्राफ टेस्ट पर सहमति जताई, लेकिन सहमति जताने के साथ ही संजय कोर्ट रूम में जज के सामने ही बिलख-बिलख कर रोने लगा और दावा किया कि वह निर्दोष है.

दिल्ली की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री से आई पॉलीग्राफी स्पेशलिस्ट की टीम ये टेस्ट कर रही है, वहीं जब 23 अगस्त को सियालदह कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने संजय से पूछा था कि वह टेस्ट के लिए क्यों तैयार हुआ तो संजय बोला- टेस्ट से साबित होगा कि मैं निर्दोष हूं और मुझे फंसाया गया है।

हालांकि कोर्ट ने दरिंदे के बयान पर ध्यान नहीं दिया और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उसे कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में रखा गया है. शनिवार को इसके साथ-साथ अन्य छह आरोपियों को पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है.

क्या है पॉलीग्राफ टेस्ट?

बता दें कि CBI ने संजय रॉय को अदालत में पेश किया था और मामले में आरोपी और संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी. यह एक झूठ पकड़ने वाला टेस्ट है, जिसे पॉलीग्राफ टेस्ट कहा जाता है, केवल अदालत और संदिग्ध की सहमति के बाद ही की जाती है.देश भर में हुए धरने-प्रदर्शन

भारत भर के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने डॉक्टर के क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ 11 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों से ऐसा करने का अनुरोध करने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई, लेकिन बंगाल में अभी भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है.