PM Modi News: अब केंद्र की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की है. क्योंकि पिछले कुछ समय से नेशनल पेंशन सिस्टम की लगातार आलोचना हो रही थी, और सरकार को कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था. कर्मचारी एक सुर में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग कर रहे थे. लेकिन अब बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार UPS लेकर आई है.

किसके लिए है यूपीएस?

UPS केवल उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो फिलहाल नई पेंशन योजना के ग्राहक हैं और इनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं, वहीं यूपीएस योजना के तहत कर्मचारियों को 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा होने पर सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है।

बता दें की NPS के तहत नियोक्ता का योगदान 14 प्रतिशत रखा गया है जबकि कर्मचारी का योगदान 10 प्रतिशत तय है, इसके बावजूद NPS के तहत कर्मचारी को अंतिम भुगतान उस कोष को मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी ऋणों में निवेश किया जाता है।

OPS को लेकर बड़ा विवाद

पुरानी पेंशन योजना को लेकर पिछले कई समय से मुद्दे उठते चले आये हैं, दरअसल, पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकारी कर्मचारियों में काफी लोकप्रिय थी, क्योंकि यह अंतिम वेतन के आधार पर सुनिश्चित पेंशन की गारंटी देती थी. लेकिन NPS में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे कर्मचारी OPS की मांग कर रहे थे, लेकिन अब सरकार ने काफी मंथन के बाद UPS का विकल्प दिया है.

रिटायरमेंट के तहत एक निश्चित पेंशन

UPS में रिटायरमेंट के तहत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी होगा. OPS में भी रिटायरमेंट के समय में निश्चित पेंशन का प्रावधान है. जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.

बता दें की UPS के तहत पारिवारिक पेंशन भी दी जाएगी, जो कि सरकार की दूसरी गारंटी है, फैमिली पेंशन कर्मचारी के मूल वेतन का 60 फीसदी होगी. यह पेंशन कर्मचारी की मृत्यु के तुरंत बाद उनके परिवार को दी जाएगी. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अगर पहले ही वर्ष किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो क्या उसके परिवार को भी इसी आधार पर पेंशन मिलेगी. OPS में भी सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है.