Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज लम्बे इंतजार के बाद सीबीआई मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. अरविंद केजरीवाल किसी भी वक्त तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं.
जमानत के बाद उनके वकीलों ने राउज एवेन्यू कोर्ट में बेल बॉन्ड जमा कर दिया है और अदालत ने उसे स्वीकार भी कर लिया है. अब कोर्ट ने केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए वारंट भी जारी कर दिया है.
हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई की गिरफ्तारी को वैध ठहराया है और बेल की शर्तें तय की हैं. कोर्ट ने जमानत के लिए वहीं शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाईं थीं.
कार्यकर्ताओं में खुशी
माना जा रहा है कि रिहाई की शर्तों की वजह से केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. उन्हें सरकार चलाने में मशक्कत झेलनी पड़ सकती है. फिलहाल, केजरीवाल की रिहाई से पार्टी नेता से लेकर कार्यकर्ताओं तक ख़ुशी हैं.
दरअसल, दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल भी फंसे हैं. इसके बाद ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. और तभी से वे जेल में थे.
बीजेपी पर लगाए आरोप
बता दें कि 12 जुलाई को ईडी केस में केजरीवाल को जमानत मिल गई थी, लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी के कारण जेल से रिहाई नहीं हो सकी. आम आदमी पार्टी लगातार दावा कर रही है कि बीजेपी ने केजरीवाल को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया है.
केजरीवाल की रिहाई को लेकर पार्टी दफ्तर के बाहर खुशी का माहौल है. पार्टी के सभी नेता पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं. वहीं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल को नियमित जमानत देने का फैसला सुनाया।
शर्तों के मुताबिक पड़ेगा रहना
जमानत की शर्तों के मुताबिक, केजरीवाल ना कोई नीतिगत फैसले ले सकते हैं और ना किसी सरकारी फाइल पर दस्तखत कर सकते हैं. सिर्फ चुनावी प्रचार तक ही सीमित रह सकते हैं. सरकार से जुड़े कोई फैसले की अनुमति नहीं है.
हालांकि, यह तय है कि केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. वो अपना पद नहीं छोड़ेंगे. क्योंकि, लंबा वक्त जेल में बिताने के बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा है तो अब दायित्व छोड़ने की उम्मीद भी कम ही है.