SCO Summit: भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर (S. Jaishankar) आज (15 अक्टूबर) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचेंगे.
लेकिन उनके वहां पहुंचने से पहले पाकिस्तान से हिंसक घटनाएं सामने आने लगी हैं, सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक जिला पुलिस मुख्यालय पर आतंकी हमला हुआ है.
पाकिस्तान में भारी हंगामा
वहीं जिस एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए एस जयशंकर जा रहे हैं उसमें भी हंगामे की तैयारी है. सूत्रों के हवाले से बताया कि हमले में कम से कम तीन पुलिसकर्मी मारे गए हैं, उच्च पदस्थ पुलिस सूत्र एजेंसी को बताया कि परिसर पर हमला हुआ है, जिसमें जिला पुलिस मुख्यालय और एक आवासीय परिसर दोनों हैं.
बता दें, यह भारत का कई सालों के बाद पाकिस्तान में पहला उच्च-स्तरीय दौरा होगा. जबकि, दोनों देशों के बीच संबंध कई सालों से तनावपूर्ण हैं और यह अब भी बरकरार है.
SCO में होंगे शामिल
एस. जयशंकर (S. Jaishankar) आज शाम इस्लामाबाद पहुंचने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा SCO सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित स्वागत भोज में शामिल हो सकते हैं.
भारत और पाकिस्तान दोनों पक्षों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि एससीओ के सरकार प्रमुखों की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी.
9 सालों बाद पहला मौका
बता दें कि यह लगभग 9 सालों में पहला मौका होगा, जब भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेगा. हालांकि, कश्मीर मुद्दे और सीमा-पार आतंकवाद के कारण दोनों देशों के संबंधों में अभी भी तनाव बना हुआ है.
आखिरी बार दिसंबर 2015 में भारत से सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं, जब उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लिया था. सूत्रों के अनुसार, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर पाकिस्तान में 24 घंटे से कम समय के लिए रुकेंगे.
दोनों देशों के रिश्तों में अनबन
साल 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे. इसके बाद, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के भारत के फैसले ने रिश्तों को और खराब कर दिया.
पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी मई 2023 में गोवा में SCO देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने भारत आए थे, जो 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी.