चायवाले की बच्ची की जिंदगी बचाने में BHU अस्पताल ने खर्च किए ₹60 लाख!
सरकारी अस्पतालों में तमाम दिक्कतों, संसाधन की कमी और जगह के अभाव के बावजूद भी आज भी डाॅक्टरों को ही भगवान के बाद दूसरा मसीहा माना जाता है. इसके पीछे…
सरकारी अस्पतालों में तमाम दिक्कतों, संसाधन की कमी और जगह के अभाव के बावजूद भी आज भी डाॅक्टरों को ही भगवान के बाद दूसरा मसीहा माना जाता है. इसके पीछे…